गुरुवार, 17 जून 2021

देके मुझे धोखा तुम

देके मुझे धोखा तुम धोखा ही पाओगे

धोखे को लेकर बताओ कहाँ जाओगे

 

जिसके लिए धोखा मुझे दे रही हो

सच सच बताओ क्या तुम सही हो

 

ज़िस्म चाहने वाले क्या तुमको चाहेंगे

रूह से ना मतलब है ज़िस्म तक ही थाहेंगे

 

सोचो जो पहले थे क्या तुम वही हो

प्यार छोड़ जिस्म के फरेब में बही हो

 

जानता हूँ देर से ही मगर पछताओगे

करके बरबाद मुझे मेरे पास आओगे

 

जमाने की नज़रों से रुसवा हो जाओगे

जिस्म वाले यारों से अपमान खाओगे

 

दर्द के बदले में तुम दर्द ही कमाओगे

दगा के बदले फ़कत दागा का धन पाओगे

 

इस क़दर आँख मेरी जितना बरसाओगे

खुद के आँसुओं में सनम तुम भी डूब जाओगे

 

पवन तिवारी

संवाद – ७७१८०८०९७८

२५/०७/२०२०  

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