गुरुवार, 12 मार्च 2020

बम्मई में जाके सइयां - अवधी गीत


बम्मई में जाके  सइयां  रिक्सा चलावै न
किसिम-किसिम के औरत वहमें घुमावैं न
जहियो हम फून लगाई वनसे बतियावै के
किसिम-किसिम के हमसे बहाना बनावैं न

अब त दुई - दुई साल  घरहूँ न आवै न
पुछले पे झंझट  अउर  करजा बतावै न
पहिले त सालि भर में कइयो बार आवें ऊ
टिकट नाही मिलले  कै बहाना लगावै न

सुनले में आयल हउवै चक्कर चलावै न
कवनो  ऊ गोर  मेम के खूबै घुमावै न
हम तनकी साँवर बाटी बाकी त सुन्नर हो
हमरो पीछे बहुत जने चक्कर लगावै न

अबकी जौ  साफ़-साफ़  नाहीं बतइहैं हो
साल भर में दुई बार घर नाहीं अइहैं हो
तिरिया  चरित्तर तब  हमहू देखाइब हो
हमरो कहानी टोला भरि मिलि सुनइहैं हो



पवन तिवारी
संवाद – ७७१८०८०९७८  

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