मंगलवार, 7 जनवरी 2020

उन्हें क्या कदर होगी बातों की


उन्हें क्या  कदर  होगी  बातों की
जो समझते भाषा फ़क्त लातों की


जो चल रहा है वही बड़ा मुश्किल है
और तुम बात कर रहे हो यादों की

तुम्हें क्या पता इश्क के बारे में घंटा
तुम बस गिनती करो अपने खातों की

इस सर्दी की नज़र है फुटपाथों पर
मुझे चिंता  है  उसके  रातों  की 

जिन्हें  पइसा  ही  माई बाप लगे
उन्हें  है क्या  कदर  जज्बातों की

वे  तो  बाज़ार  में  खड़े हैं पवन
उन्हें क्या समझ  रिश्ते नातों की
 

पवन तिवारी
संवाद – ७७१८०८०९७८

 

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