गुरुवार, 30 जनवरी 2020

वे हमको देहाती


वे हमको  देहाती  हमको  घास - फूस समझे हैं
सच तो ये है जो भी हैं हम हम अपने दम से हैं

तुम हमें जानों  हिन्दू  मुस्लिम  सिख  इसाई जानो
दुनिया तो बस इतना जाने हम भारत से भारत के हैं

सच व झूठ वफ़ा  गद्दारी  सबकी अपनी परिभाषा है
मिट्टी का अपमान करें जो मेरी नज़र में दुश्मन वे हैं

निज भाषा को हीन बताते पर भाषा का गान करें
उनसे पूछो वे  भारत में  और भारत के कब से हैं  

धर्म जाति और पन्थ वर्ण पर तुमको जो गाना गाओ
हम  इस  माटी के  बेटे हैं  और  इसी  की गाते हैं


पवन तिवारी
संवाद – ७७१८०८०९७८

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