बुधवार, 11 सितंबर 2019

वही इक सबकी


वही इक सबकी जो भली  होगी
माँ तो सबकी ही जिन्दगी होगी

अकेली माँ है प्रसव की  सोचो
खुशी में दर्द  बस सही  होगी

तुम्हारे पास ज्यादा जिन्दगी है
भेज दो थोड़ी  सी  खुशी होगी

प्यार जब भी मिला तुम्हें होगा
जिन्दगी – जिन्दगी  रही होगी

जो कि खुद से हुआ मुकम्मल है
बात उसकी तो फिर  खरी होगी

गैरों के गम भी जिनके अपने हैं
राह  उनकी  हरी – भरी   होगी



पवन तिवारी
संवाद – ७७१८०८०९७८
अणु डाक – पवनतिवारी@डाटामेल.भारत

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