सोमवार, 12 अगस्त 2019

मिलाऊं हाथ मगर


मिलाऊं हाथ मगर दिल थोड़ा शरीक  मिले
मजा तो तब जब उसकी भी तसदीक मिले

तुम्हारी कामयाबी के कसीदे ख़ूब सुन लिये
अब जो नाकामियाँ कहो तो थोड़ी सीख मिले

जमाने भर की मिल्कियत ठुकरा दूँ दोस्त
सच कहता हूँ अगर इश्क थोड़ा ठीक मिले

इश्क में हो और खुश हो  सुभानअल्लाह
मुझे तो इश्क में ज्यादातर गमगीन मिले

ये जो साकी है ना इसे बख्श दूँ सचमुच
चाहता इश्क बस जरा सा नमकीन मिले

ये शोहरत दुनियादारी असबाब सब छोड़ दूँ
तेरी  बातों में जरा प्यार की तकरीर मिले

पवन तिवारी
संवाद – ७७१८०८०९७८
अणुडाक – पवनतिवारी@डाटामेल.भारत

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