मंगलवार, 2 जुलाई 2019

साई के दर पर जाना है


साई  के  दर  पर  जाना है
झोली को भर कर लाना है
और    क्या   देखना   कहीं
अपने  साई  का जमाना है

सारा जग उनका दीवाना है
हम  भी  उनका मस्ताना है
साई     की    बात   निराली
दया   का  साई  खजाना  है

जो   उसके   दर  पर आया
जो   चाहा   वो  सब   पाया
उसे   सब  कुछ  हासिल  है
साई  का   जिस  पर  साया

सबके    लिए    तेरी    राहें
खुली    सदा     तेरी    बाहें
शरण    जो   तेरी     आये
उसपे    तेरी  वारी  निगाहें

पवन तिवारी
संवाद – ७७१८०८०९७८
अणु डाक – poetpawan50@gmail.com

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