शुक्रवार, 15 जून 2018

दिल के कुछ सामान निकालूँ


दिल के कुछ सामान निकालूँ
बचे खुचे अरमान निकालूँ
घुटने अफ़नाने से अच्छा
सारे सच के जाम निकालूँ

किससे-किससे काम निकालूँ
किसके हिस्से  काम निकालूँ
ये सब मेरा नहीं है मेरा
मिलो तो हँस के शाम निकालूँ

आज प्यार का नाम निकालूँ
बारिश वाली शाम निकालूँ
चलो याद में आज गुज़ारूँ
बीते दिन तमाम निकालूँ

उनके कुछ पैगाम निकालूँ
चिठियों से ईमान निकालूँ
कितनी भोली सच्ची थी वो
उन पे इक दीवान निकालूँ

पवन तिवारी
सम्पर्क ७७१८०८०९७८
poetpawan50@gmail.com

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