शनिवार, 1 जुलाई 2017

काश उस मौसम में तूँ मिला होता

काश उस मौसम में तूँ मिला होता
प्यार ही प्यार बस मिला होता

इक धूर भी खुद्दारी का गिरवी नहीं रखा
वरना ये झोपड़ा कई मंजिला होता

मैं भी दामाद होता कुर्सी पे राज होता
सलामी की नहीं वरना सिला मिला होता

हूँ मजदूर मगर फक्र है खुद पे मुझको
बिकता तो जिन्दगी भर गिला होता  

करते गर जद्दोजहद तो क्या नहीं होता
देखते ख्वाब तुम तो वो भी मिला होता

दुआ दिल से तुम्हारी,तमन्ना सच्ची होती  
‘पवन’ चाहत में तुम्हें खुदा मिला होता

पवन तिवारी 
सम्पर्क -7718080978
poetpawan50@gmail.com



कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें