शनिवार, 4 मार्च 2017

अना में आकर

पाँव नहीं हैं मेरे तो उसे लगता है वो जीत जाएगा
उसे मालूम नहीं मुझमें हौसला–ए-बुलंदी है वो हार जाएगा

वो कहता है उसके पास माँ की दुआएं हैं वो जीत जाएगा
मेरी भी माँ है सर पे हाथ है वो कैसे जीत जाएगा

मेरी हुकूमत,मेरा ही जलवा,सदा रहा है,सदा रहेगा,कहने दो
अना में आकर बोल गया है मौत दिखी तो डर जाएगा
  
बहुत से लोग कहते हैं,बहुत होगा तो क्या होगा,जान जायेगी
जब जान पे आती है तो गिडगिडाते हैं, बख्श दो जान जायेगी

बहुत से लोग कहते हैं,तुम प्यार से मांगो हम जान दे देंगे

माँ कब से कह रही है एक चश्मा बनवा दो,न जाने कब देंगे

poetpawan50@gmail.com

सम्पर्क- 7718080978     

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