गुरुवार, 22 दिसंबर 2016

गांगेय वन्दन

हे बुद्धि देव,हे गणनायक.
हे प्रथमपूज्य,हे सुखदायक
हे गजाननं,गांगेय प्रभू 
करते हैं तुम्हेँ नमन सादर

हे शिवनंदन,हे जगवंदन
हे शूपकर्ण,हे द्वैमातुर
हे गणनायक,गजवक्र प्रभू
 करते हैं तुम्हेँ नमन सादर

हे क्षेमकरी,हे योगाधिप
हे हरिद्र , हे विघ्नेश्वर
हे अम्बिकेय, हेरम्ब  प्रभू
करते हैं तुम्हे नमन सादर 

poetpawan50@gmail.com

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